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लेखक:

ऋता शुक्ल

ऋता शुक्ल (जन्म : 14 नवंबर 1949, बिहार) मगध विश्वविद्यालय से एम.ए. (हिंदी) और यहीं से ‘हिंदी उपन्यास और कहानी के विकास में महिला लेखकों का योगदान’ विषय पर 1982 में पी-एच.डी। आपकी प्रमुख प्रकाशित कृतियाँ हैं - समाधान, अग्निपर्व कनिष्ठा उंगली का पाप, कितने जनम वैदेही, अरुधंती, कब आओगे महामना; कथा लोकनाथ (उपन्यास), दंश, क्रौंच वध एवं अन्य कहानियाँ, शेष गाथा, श्रेष्ठ आंचलिक कहानियाँ, कायांतरण, मृत्यु गंध-जीवन गंध (कहानी-संग्रह) आदि प्रकाशित। क्रौंच वध एवं अन्य कहानियाँ पर 1984 में ज्ञानपीठ का युवा पुरस्कार, केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा का लोक भूषण सम्मान आदि। कई मंत्रालयों की राजभाषा समिति की सदस्य। राँची विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में प्रोफेसर एवं पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग की निदेशक के रूप में अपनी सेवाएँ दी हैं।

अग्निपर्व

ऋता शुक्ल

मूल्य: Rs. 55

रक्त-मांस के सम्बन्धों में गुँथे हुए विघटनवादी विषैले प्रभावों से दूर मनोमय जगत के दिव्य बन्धन को अपने लिए…   आगे...

अरुंधती

ऋता शुक्ल

मूल्य: Rs. 200

प्रस्तुत है श्रेष्ठ उपन्यास...   आगे...

कथा लोकनाथ की

ऋता शुक्ल

मूल्य: Rs. 400

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कासों कहों मैं दरदिया

ऋता शुक्ल

मूल्य: Rs. 200

प्रस्तुत है श्रेष्ठ कहानी संग्रह...   आगे...

कितने जनम वैदेही

ऋता शुक्ल

मूल्य: Rs. 200

स्त्री जीवन को आधार बनाकर लिखा गया उपन्यास अपने समय की श्रेष्ठतम कृति...   आगे...

क्रौंचवध तथा अन्य कहानियाँ

ऋता शुक्ल

मूल्य: Rs. 160

ऋता शुक्ल का कहानी-संग्रह 'क्रौंचवध तथा अन्य कहानियाँ' भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा 'नयी पीढ़ी कथा प्रतियोगिता' में सर्वश्रेष्ठ सिद्ध हुआ था…   आगे...

झारखंड का महिला कविता परिवेश

ऋता शुक्ल

मूल्य: Rs. 130

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मानुस तन

ऋता शुक्ल

मूल्य: Rs. 150

प्रस्तुत है श्रेष्ठ कहानी संग्रह...   आगे...

 

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